आज मैं आपके साथ मेरा सच्चा और एकदम अनफिल्टर्ड(unfiltered) अनुभव शेयर करने जा रही हूं। जोभी केतु महादशा में मेरे साथ घटित हुआ, अलग-अलग ग्रहों की अन्तर्दशाओं में। आज मैं वो आपके साथ विस्तार से शेयर करूंगी।
पर्सनल एक्सपीरियंस बताने का उद्देश्य बस यही है कि अगर आप भी केतु की महादशा से गुजर रहे हैं, या अगर आपकी यह दशा आने वाली है तो शायद मेरे अनुभवों से आपको कुछ सीखने को मिलेगा। और साथ ही यह संतोष भी होगा कि आप अकेले नहीं हैं जो इस कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं ।
मेरे पर्सनल एक्सपीरियंस के साथ मैं आपको वह उपाय भी बीच-बीच में बताती जाऊंगी जिन्हें लगातार करने से मुझे बहुत राहत मिली। हालात कई बार बहुत बिगड़ने वाले थे लेकिन क्योंकि मैं यह उपाय(remedies) कर रही थी तो बचाव होता रहा।
मेरा परिचय और बुध महादशा में मेरा जीवन / Background & My Life in Mercury Mahadasha
केतु की महादशा के बारे में आरंभ करने से पहले मैं थोड़ा सा बैकग्राउंड आपको देना चाहती हूं, कि इसके ठीक पहले बुध (Mercury) महादशा में मेरी स्थिति कैसी थी। मेरा जीवन कैसा था ताकि जो भारी बदलाव (drastic change) मेरे जीवन में आया उसे आप समझ सकें ।
सबसे पहले तो मुझे पता ही नहीं था कि यह महादशा,अंतर्दशा होता क्या है? ज्योतिष के बारे में मेरी जानकारी एकदम जीरो थी।
तो मैं एक अपर मिडिल क्लास और एजुकेटेड फैमिली से आती हूं। जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स करने के दौरान ही, एक बहुत ही फेमस मीडिया हाउस में मुझे एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट की जॉब बहुत आसानी से मिल गई। जिसके लिए मैंने कोई भी स्ट्रगल नहीं किया ।
इस जॉब में मेरा काम था टीवी और फिल्म एक्टर्स से मिलना, उनके इंटरव्यू करना, पेज ३ पार्टी कवर करना । यह बहुत ही ग्लैमरस प्रोफाइल थी और पढ़ाई करते-करते ही मुझे यह जॉब बहुत आराम से मिल गई थी ।
सैलरी भी बहुत अच्छी थी और क्योंकि मैं उस समय अनमैरिड थी और वेल्थी(wealthy) बैकग्राउंड से आती थी, तो मुझ पे कोई खास रिस्पांसिबिलिटी भी नहीं थी। इस वजह से मेरा पर्स हमेशा पैसों से भरा रहता था । मैं सारी सैलरी या सारी इनकम सिर्फ अपने लुक्स पर, कपड़ो पर, हेल्थ , फिटनेस पे ही खर्च करती थी ।
बुध महादशा का समय भौतिक सुख (materialistic comfort), करियर ग्रोथ और फाइनेंस के लिए बहुत ही अच्छा होता है । मुझे किसी चीज के लिए कभी स्ट्रगल नहीं करना, मेरी शादी भी बहुत आसानी से हो गई थी यह एक अरेंज मैरिज थी और मेरे हस्बैंड एक इंटरनेशनल बैंक में एक हाई प्रोफाइल जॉब में थे ।
शादी के बाद का समय भी हमारा बहुत ही अच्छा गुजरा। हम मुंबई में रहते थे छुट्टियां बिताने के लिए विदेश जाते थे। गाड़ी और बाकी सारी मटेरिअलिस्टिक सुविधाएं हमने बहुत आसानी से जुटा ली।
इसी दौरान मैंने एक YouTube Channel शुरू किया और मेकअप के वीडियो शेयर करने लगी । बहुत कम समय में और कुछ ही वीडियो शेयर करने के बावजूद इस चैनल ने मुझे बहुत अच्छा रिस्पांस दिया ।
कम वीडियोस होने के बावजूद भी इसकी इनकम रेवेन्यू काफी अच्छी आने लगी। और क्योंकि मैं इस चैनल में इतना बिजी हो गई थी मैंने सोचा कि मैं मेरे जॉब से ब्रेक लेके इस चैनल पर ही फोकस करती हूं ताकि मैं फुल टाइम इसमें लग सकूं और इसके रेवेन्यू को और बढ़ा सकूं ।
कुछ ही वर्षों में मुझे एक सुंदर कन्या संतान की भी प्राप्ति हो गई थी, जिससे हमारे जीवन में और भी खुशियां आ गई थी । तो यह समय ऐसा था जब मुझे सिर्फ मेरे बच्चे, मेरे पति और मेरे पैसे के अलावा कुछ नहीं दिखता था ।
यहां पे मैं एक फैक्ट आपको बताना चाहूंगी कि मेरी कर्क राशि की कुंडली है और केतु पांचवें स्थान पर है और राहु एकादश स्थान पर, हालांकि कुंडली वगैरह की जानकारी मुझे अभी कुछ महीनों पहले ही हुई है।
पूरे जीवन मैंने कभी इसके ऊपर कोई ध्यान ही नहीं दिया कि कुंडली क्या होती है या ऐसे कैसे बनवाते हैं। वो कहते हैं ना अच्छे समय में कोई भगवान को याद नहीं करता पर जब बुरा समय शुरू होता है तो हम भगवान की शरण की ओर भागते हैं। तो ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ।
ऐसे दी केतु ने दस्तक / The Onset Of Ketu Mahadasha
अगस्त 2020 में मेरी केतु की महादशा आरंभ हुई , देखिए जब कोई भी महादशा शुरू होती है तो उसके संकेत आपको पहले से ही मिलने आरंभ हो जाते हैं । दो महादशाओं के मिलने का समय, जब एक ग्रह अपना असर देकर जा रहा होता है और दूसरा ग्रह टेक ओवर(take over) कर रहा होता है उस पीरियड को दशा संधि कहते हैं।
यह अपने आप में एक बहुत ही वृस्तित और बहुत महत्वपूर्ण विषय है। जिसमें बहुत उथल-पुथल होती है लोगों का जीवन पूरी तरीके से बदल जाता है। बहुत सारे अच्छे बुरे बदलाव आते हैं। कभी-कभी तो पूरी जिंदगी पर एक रिसेट बटन दब जाता है।
तो जब केतु महादशा आने वाली होती है, उसके लगभग नौ महीनों पहले से ही केतु का असर आना आरंभ हो जाते हैं। जो मेरे साथ बिल्कुल हुआ, केतु महादशा के आरंभ होने के 9 महीने पहले मुझे लोअर एब्डोमेन में बहुत भयानक दर्द होना शुरू हुआ । पहले तो मैं इग्नोर करती रही लेकिन कुछ दिनों के बाद जब यह दर्द असहनीय हो चला तो मैंने टेस्ट करवाया और पता चला कि अम्ब्लिकल (umbilical) हरनिया की परेशानी है।
मेरे जीवन में पहली बार मेरी सर्जरी हुई, मेरे शरीर में कैची लगी । यहां तक कि मेरी डिलीवरी भी इसके पहले नॉर्मल हुई थी। और मैं आपको यहां पे एक बहुत ही इंटरेस्टिंग बात भी बताना चाहती हूं, कि केतु महाराज के कई सिंबल्स में से एक कैची भी होती है ।
केतु की महादशा में शरीर पर कैची लगती ही है। चाहे सर्जरी के दौरान लगे या टाके काटते समय या कैची से दुर्घटना हो जाती है। महिलाओं की सीजेरियन डिलीवरी होती ही है।
मेरी तो महादशा की एक तरह से शुरुआत ही कैची लगने से हुई और कमर के नीचे के भागों में होने वाली बीमारियां केतु के कार्यक्षेत्र में आती है। तो यह जो मेरी अम्ब्लिकल (umblical) हरनिया की प्रॉब्लम थी यह भी केतु की महादशा शुरू होने के आरंभिक लक्षणों में थी।
केतु महादशा – केतु अन्तर्दशा / Ketu Mahadasha & Ketu Antardasha
केतु महादशा की पहली अंतर्दशा केतु की ही होती है। यानी कि केतु में केतु इस समय असर पूरी तरीके से आने शुरू हो जाते हैं। और जो सामान्य लक्षण सभी को देखने को मिलते हैं, वह है नियमित आमदनी या सैलरी का कम हो जाना, या worst cases में एकदम बंद हो जाना।
नौकरी का अचानक से छूट जाना और स्थान परिवर्तन होना। स्थान परिवर्तन होगा ही होगा, मेरे केस में स्थान परिवर्तन में एक काफी बड़ा ट्विस्ट है। जो काफी इंटरेस्टिंग भी है और इसके बारे में मैं आपको आगे बताऊंगी। ये एक ऐसा चेंज था स्थान परिवर्तन का जिसने मेरा पूरा जीवन पलट कर रख दिया । केतु की महादशा में केतु की अंतर्दशा लगभग 4 महीने 27 दिनों की होती है या मोटा मोटी पांच महीने की होती है।
मेरी महादशा जब अगस्त 2020 में शुरू हुई, उस समय कोरोना के पहले फेस का लॉकडाउन चल रहा था। लोगों की जॉब्स जा रही थी पूरी दुनिया में असमंजस की स्थिति थी। मेरे पति को उस समय वर्क फ्रॉम होम मिला हुआ था और अचानक से ही हमें यह विचार आया कि क्यों ना जॉब छोड़कर YouTube पर ही फुल फोकस किया जाये। क्योंकि उस समय पूरी दुनिया में लोग मात्र यूट्यूब वीडियो देख कर ही लॉकडाउन में अपना समय बिता रहे थे। नए-नए चैनल्स रातों-रात वायरल वीडियोस अपलोड कर रहे थे।
तो कह लीजिए कि सबसे ब्राइट करियर ऑप्शन जो मालूम पड़ता था, वह यही था कि यूट्यूब वीडियो बना के डालो। और क्योंकि हमारे पास ऑलरेडी एक हाई परफॉर्मिंग Youtube Channel था तो हमारे लिए एक नेचुरल प्रोग्रेशन था कि हम दोनों इस पे फुल फोकस करें। तो मेरे हस्बैंड ने अपनी लगी लगाई हाई प्रोफाइल इन्वेस्टमेंट बैंक की जॉब छोड़ दी । इसी इरादे से कि हम अपना YouTube Channel आगे बढ़ाएंगे। एक तरह से ये केतु महाराज द्वारा फैलाया हुआ माया जाल ही था। ये एक ऐसा फैसला था जो केतु महादशा के अगले चरणों में हमने भरी पड़ा। खैर केतु का काम हे है लोगों को धन ,परिवार और ऐशोआराम से दूर कर देना।
आप एक काम छोड़कर दूसरे की ओर भागेंगे, आपका मन ही नहीं करेगा कि जो आपकी existing नौकरी या व्यवसाय या जो भी कुछ आप करते हैं उसे कंटिन्यू करें देना।
और जब आप इसे छोड़कर दूसरे की ओर भागेंगे तब ना आपके हाथ में यह बचेगा ना वो देना।
तो जब मेरे हस्बैंड ने अपनी जॉब छोड़ दी तो उसके तुरंत बाद ही हमारे एक के बाद एक वीडियोस फ्लॉप होने लगे । जहां मिलियंस में व्यूज होना बहुत ही कॉमन बात थी हमारे लिए कुछ 100 व्यूज के भी लाले पड़ने लगे। आप यकीन कर सकते हैं इतना बड़ा drastic change था और ये बहुत शॉकिंग भी था हमारे लिए, क्योंकि इसी चैनल के भरोसे हम दोनों ने अपनी जॉब्स छोड़ी हुई थी।
जो चैनल हमें हर महीने लाखों रुपए कमा कर देता था अब उसमें कुछ हजार भी बहुत मुश्किल से बनते थे । एक-एक करके ब्रांड्स और एजेंसीज जो हमें बिजनेस लाकर देती थी सब गायब हो गई, मुझे और मेरे हस्बैंड को तो दिल खोलकर पैसे खर्च करने और लग्जरीज में रहने की आदत थी तो। ऐसी कठिन फाइनेंशियल कंडीशन से हमें भारी झटका भी लगा।
दूसरा लाइफ चेंजिंग एक्सपीरियंस जो उसी समय हमारे साथ हुआ वो था स्थान परिवर्तन। केतु की महादशा आपको उठाकर कहीं दूर निर्जन एकांत और बीहड़ स्थान पर फेंक देती है और यह बात एकदम सच है मैं मुंबई में जिस स्थान पर लगभग 10 सालों से रहती थी वो बहुत कमर्शियल है बड़ा हैपनिंग है टीवी एक्टर्स अधिकतर उसी एरिया में रहते हैं चारों ओर बस फैंसी रेस्टोरेंट्स मॉल्स कॉफी शॉप्स फिल्म स्टूडियोज और बड़े-बड़े कॉर्पोरेट हाउसेस बस यही सब दिखता है मेरे हस्बैंड का और मेरा दोनों का ऑफिस भी इसी एरिया में था इसी कारण हम वहां रहते भी थे।
मुंबई में जो अप मार्केट रेसिडेंशियल एरियाज हैं वहां के छोटे-छोटे फ्लैट्स के रेंट तो आप जानते ही होंगे कि कितना ज्यादा होता है। तो जब हम दोनों का जॉब ही नहीं रहा तो उस एरिया में रहने का कोई purpose भी हमारे लिए नहीं बचा था। दूसरा छोटे से दो कमरों के फ्लैट का लगभग 40000 रेंट हम 2020 में दे रहे थे जो अब हमें बहुत मुश्किल लगने लगा था।
जब हमारी फाइनेंशियल कंडीशंस difficult होने लगी तो अचानक से कुछ स्थितियां ही ऐसी बनी कि हम शहर के बीचो बीच उस हाईली कमर्शियल एरिया से निकल कर एक ऐसी जगह पर आए जिसे आप जंगल ही मानेंगे मुंबई शहर से लगभग 60-65 किमी दूर एक नई सी टाउनशिप है जंगल पहाड़ों और नदी के बीच में यह रातों रात ऐसी सिचुएशंस बनी कि हम एकदम से सब कुछ छोड़कर यहां आ गए।
जिसे कई सालों से मेट्रो सिटी के बीचोबीच रहने की आदत हो उसके लिए इस बियाबान में आना किसी वनवास से कम नहीं माना जा सकता। अभी केतु महादशा में केतु की अंदर दशा ही चल रही थी और अचानक से सारे परिवर्तन चार पांच महीनों में ही हो गए थे । जॉब का जाना, सक्सेसफुल बिजनेस का लगभग ठप हो जाना, इतना कंट्रास्ट नए और पुराने रहने के स्थानों के बीच, तो बहुत अजीब भी लगा पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और ना ही किसी से इसके बारे में कुछ discus किया।
इस स्थान परिवर्तन ने हालांकि इस केतु की दशा में बहुत महत्त्वपूर्ण रोल निभाया जिसका significant मुझे अब इतना समय बीत जाने के बाद समझ में आया है। कैसे इस स्थान पर आने के बाद ही मुझे इस कठिन और क्रूर महादशा को काटने के उपाय अपने आप मिलने लगे, जो शायद मेरे पुराने रेसिडेंशियल एरिया में मिलना लगभग असंभव थे।
केतु महादशा की एक और खास बात जो पहले एक साल में विशेषकर देखने को मिलती है, वह यह कि धीरे-धीरे व्यक्ति का इंटरेस्ट अपनी पर्सनल हाइजीन पर कम होने लगता है। ऐसे लोग कई-कई दिनों तक नहीं नहाते हैं। मान लीजिए कि ना नहाने के बहाने ढूंढते हैं। जब तक शरीर से से दुर्गंध ना आने लगे मैले कुचैले कपड़ों, बिखरे बालों और जीरो पर्सनल हाइजीन में लोग कंफर्टेबल होने लगते हैं।
देखिए केतु एक वैरागी है एक नागा साधु है। जिसकी जैसी महादशा चलती है, व्यक्ति उसी महादशा के स्वामी की तरह ही स्वरूप धारण कर लेता है। पुरुष जातक जो बुद्ध की महादशा में स्मार्ट कॉर्पोरेट सूट्स ब्लेजर्स और क्लीन शेवन, चमकीले चेहरे रखते थे, वो फटे कुर्तों चप्पलों बढ़ी हुई दाढ़ी और उलझे बालों में दिखने लगते हैं ।
जब मेरी केतु की महादशा शुरू हुई तो मुझे नहाने में आलस आने लगा, कई-कई दिनों तक मैं एक ही कपड़े पहनकर और बिना कंघी किए बस यहां वहां बेजार से घूमती रहती थी । मुझे समझ में ही नहीं आता था कि मैं नहाने से क्यों इतना कतरा रही हूं अलमारी हमेशा बेतरतीब सी बिखरी रहती थी। मेरे सारे कपड़े फटे रहते थे या कह लीजिए कि हाथ में हमेशा फटे कपड़े ही पहनने के लिए आते थे अच्छे कपड़े पहनने का ना मौका मिलता था और ना ही मन ही करता था। बहुत समय के बाद जब मुझे यह पता चला कि केतु महादशा मेरी चल रही है और फटे गंदे कपड़े पहनने से, ना नहाने से और मैले कुचैले बने रहने से केतु खराब होकर और भी बुरे दिन दिखाता है । तो मैंने सबसे पहले सारे फटे पुराने गंदे बदरंग कपड़े अलमारी से तो क्या घर से ही हटा दिए। ताकि ना वह मेरे हाथ में आए और ना ही मैं उन्हें पहनूं।
इस उपाय को आप भी जरूर कीजिए सिर्फ साफ हल्के रंग के और बगैर फटे कपड़े ही पहने। यह एक बेसिक उपाय है जो सुनने में बड़ा छोटा सा और यूजलेस सा मालूम होता है पर यह पहला कदम है केतु के दुष्प्रभावों से बचने के लिए।
एक और अद्भुत उपाय काला, भूरा , मटमैला,ग्रे, सिलेटी और चितकबरा रंग, यह सारे रंग केतु को दर्शाते हैं । इन रंगों के कंबल चादर आपको दान करनी है, केतु को अपने अनुकूल करने के लिए।
खास तौर पर यदि आपको संतान प्राप्ति में कठिनाई आ रही है तो आप दो रंग की चितकबरी कंबल गरीबों में शाम के समय वितरित करें। लेकिन आपको स्वयं इन रंगों से दूर रहना है इन रंग के कपड़े एकदम भी ना पहने पहले ब्लैक मेरा फेवरेट कलर था । मैं बस ब्लैक ही ब्लैक पहनती थी और मुझे ऐसे ब्लैक वाइट combination वाले कपड़े बहुत ही पसंद थे । लेकिन बाद में जब मेरी केतू की महादशा अपने चर्म पर आई और सब कुछ उलट पुलट होने लगा तब बदहवास होकर मैं, यहां वहां हाथ पैर मारने लगी पता करने के लिए कि यह सब मेरे साथ हो क्यों रहा है । मुझे इतना भयंकर कष्ट क्यों मिल रहा है। तो धीरे-धीरे केतु महाराज की माया से पर्दा हटा और मुझे समझ में आया कि मेरी केतु की महादशा चल रही है।
और इस महादशा में पुराने पिछले सभी जन्म जन्मों में आपने जो कुछ भी दुष्कर्म या पाप कर्म किए हैं सबका फल आपको एक साथ मिलता है । तो काले, भूरे, मटमैला,स्लेटी, ग्रे चितकबरा और काले सफेद दुरंगे रंग के वस्त्र धारण करना, केतु को स्वयं के शरीर पर बुलाने के बराबर है।
केतु की महादशा में केतु की अंतर्दशा के बाद आती है वीनस यानी कि शुक्र की अंतर्दशा
केतु महादशा – शुक्र अंतर्दशा / Ketu Mahadasha & Venus Antardasha
वीनस यानी कि शुक्र की अंतर्दशा। वीनस अंतर्दशा की शुरुआत मेरे लिए बहुत भयानक रही। यह जानना आवश्यक है कि केतु सन्यास और त्याग का ग्रह है वहीं शुक्र भोग और विलास का, सुख संपत्ति अर्जित करने का । दोनों टोटल अपोजिट नेचर के हैं तो स्वाभाविक रूप से दोनों का 36 का आंकड़ा रहता है।
वीनस अंतर्दशा लगते ही पूरे देश में कोरोना की बहुत ही भयंकर दूसरे चरण की शुरुआत हुई थी। यह समय ऐसा था जब भारत के हर परिवार ने कम से कम एक सदस्य तो कोरोना में खोया ही था। मेरे परिवार की अगर आप बात करें तो उस अकेले एक हफ्ते में कुल आठ लोग अलग-अलग दिनों में यह संसार छोड़कर चले गए थे। जी हां यह समय ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण था कि लॉकडाउन में जो जिस स्थान पर जिस शहर में जहां मरा वहीं सील पैक करके उसका दाह संस्कार कर दिया गया।
मेरे मामा मामी की मैं आपको एक ट्रैजिक स्टोरी बताती हूं। कोरोना में मेरे मामा की पोस्टिंग किसी और शहर में थी और मामी की तबीयत घर पे अचानक से खराब हुई। वह घर पर अकेली थी, सिर्फ दो छोटे बच्चे थे उनके। और कैसे भी करके वह हॉस्पिटल पहुंची और वहीं पर उनके प्राण निकल गए।
अब मुखाग्नि देने के लिए न उनके पति वह पर मौजूद थे और न ही उनके बच्चे , क्यूंकि वो इतने छोटे थे की उनको allow ही नहीं किया गया था अस्पताल में। तो किसी के न होने के situation में हॉस्पिटल ने ही उनका दाह संस्कार कर दिया बिना उनके पति और बच्चों के। तो हमारे करीबी रिश्तेदारों में ऐसी आठ मौतें एक सप्ताह के भीतर हुई। इस झटके से उभरने में मुझे लगभग दो साल लगे ।
मैं यहां एक बहुत इंपॉर्टेंट बात मैं आपको बताना चाहूंगी कि केतु हमारे बड़े और बुजुर्गों को दर्शाता है । विशेषकर पुरुष जैसे पापा, दादाजी और ननिहाल पक्ष जैसे कि मामा, नाना, मौसा वगैरह केतु यदि खराब होगा तो ननिहाल पक्ष की स्थिति दयनीय होती है। केतु अच्छा होने पर ननिहाल पक्ष मजबूत होता है ।
मेरे अपने पिताजी का स्वर्गवास मेरे बचपन में ही हो गया था । यह एक दूसरी स्टोरी है जिसके बारे में मैं आपको कभी और बताऊंगी। तो इतने सालों में ननिहाल पक्ष के लोगों ने ही मुझे पाला था। जैसे कि मेरे मामा, नाना ,मौसा ही मेरे पिता के स्थान पर खड़े रहते थे। उन्होंने ने ही मुझे पढ़ाया, लिखाया सारी सुख सुविधाएं दी और शादी वगैरह भी करवाई।
केतु की महादशा में यदि आपके पिताजी, दादाजी या बड़े भाई की तबीयत खराब है तो उनका विशेष ध्यान रखें क्योंकि इस समय पर उन पर आघात होने का डर रहता है। जैसे कि मेरे केस में हुआ पिता के स्थान पर जो भी व्यक्ति थे जो पिता तुल्य थे या फादर फिगर थे उन पर आघात हुआ।
केतु महादशा में वीनस की अंतर्दशा लगभग एक साल की होती है और इस अंतर्दशा में आगे चलके मुझे कुछ सरप्राइजिंग पॉजिटिव phases भी देखने को मिले, जिसकी मैंने उम्मीद ही छोड़ दी थी क्योंकि वीनस धन संपत्ति का और लगजरी का कारक है और अगर आपकी कुंडली में उसकी पोजीशन अच्छी है, स्ट्रांग है तो उसका अपना सहज स्वभाव आपको देखने को मिलेगा ही मिलेगा।
तो वीनस की अंतर्दशा में मुझे इनकम के दो एक अच्छे सोर्सेस अचानक से मिले जिनसे मैंने लगभग 1 साल तक यानी कि जब तक यह अंतर्दशा चली तब तक मैंने काफी पैसे कमाए। वीनस सुंदरता का कारक भी है तो इन पैसों से मैंने मेरे नए घर के इंटीरियर्स पर थोड़ा काम करवाया, घर की सजावट, फर्नीचर वगैरह की शॉपिंग की जिससे मुझे इस नए घर में इस नई जगह पे रहने में अच्छा लगे ।
जिनका वीनस स्ट्रांग होता है या जिनकी वीनस की महादशा चल रही होती , उनको आप कभी गौर कीजिएगा कि ऐसे लोग अपने घर के इंटीरियर्स और सजावट पर बहुत ध्यान देते हैं। वीनस की अंतर्दशा जब आई तो मेरे साथ भी बिल्कुल यही हुआ एकदम से मुझे इंटीरियर्स और डेकोरेशन का बहुत शौक हो गया और मैंने मेरे नए घर को खूब सजाया भी, दरअसल केतु की महादशा सात साल की होती है और नौ ग्रहों की अंत दशाएं इतनी जल्दी-जल्दी चेंज होती हैं कि जब तक आप एक परिस्थिति के साथ एडजस्ट होने लगते हैं चीजें एकदम से फिर से चेंज हो जाती हैं ।
केतु महादशा – सूर्य अंतर्दशा / Ketu Mahadasha & Sun Antardasha
केतु की महादशा में अगली है सूर्य की अंतर्दशा। केतु और सूर्य स्वाभाविक रूप से शत्रु है क्योंकि सूर्य और चंद्रमा के द्वारा शिकायत की जाने पर ही भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार में स्वर भानु राक्षस का सिर सुदर्शन चक्र से काटा था। कटा हुआ सिर राहु बना वहीँ धड़ केतु यह स्टोरी सब जानते हैं। सूर्य की अंतर्दशा में आपके सम्मान सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने के चांसेस बढ़ जाते हैं। क्योंकि सूर्य प्रतिष्ठा, समाज में इज्जत और पिता का ही कारक होता है। केतु की महादशा में सूर्य पीड़ित हो जाते हैं और आरोप लालछन लगते हैं । जिनसे सोसाइटी में बदनामी होती है वो सभी मित्र, आपके सहपाठी या सगे संबंधी जिनसे आप दिल से प्यार करते थे, जिनसे कभी आपने उम्मीद भी नहीं की थी कि वह आपकी back bitching कर सकते हैं । आपके खिलाफ षड्यंत्र करेंगे और उन लोगों को ऐसा करते हुए आप स्वयं देखेंगे सूर्य की अंतर्दशा एक दुखदाई पीरियड होता है। जहां पर आप अपनों से ही धोखा खाते हैं स्पेशली उन लोगों से जिनसे आपने बिल्कुल भी धोखेबाजी की उम्मीद नहीं की हुई होती है। और ऐसा ठीक मेरे मेरे साथ भी हुआ देखिए केतु आपके पिछले जन्मों में किए हुए अच्छे बुरे कर्मों की गठरी अपने सर पर लेकर फिरता है। इस महादशा में ऐसा भी होता है कि कोई पुराना बिछड़ा हुआ दोस्त या संबंधी अचानक से आपकी जिंदगी में वापस आ जाएगा और आते ही इतना क्लोज हो जाएगा जैसे कि कभी वो दूर ही नहीं गया था । आप अपने सारे सीक्रेट्स अपने प्लांस अपने सब कुछ उससे फिर से शेयर करने लगेंगे जैसे पहले करते थे और फिर कुछ समय के बाद वह व्यक्ति आपके जीवन से दूर चला जाएगा फिर से एकदम अजनबी हो जाएगा तो समझ जाइए कि यह व्यक्ति कुछ कार्मिक सेटलमेंट के लिए आया था । आपसे कोई पुराना हिसाब चुकाने ऐसे लोग या तो बहुत कुछ देकर जाते हैं या बहुत कुछ लेकर जाते हैं कई बार आपसे कर्जा लेकर गायब हो जाएंगे या आपको बदनामी देकर गायब हो जाएंगे या कोई आपको धन या प्रॉपर्टी देकर जाएंगे जिसकी आपने कभी उम्मीद नहीं की थी ।
इस अंतर्दशा के दौरान मुझे मेरी एक पुरानी सहेली ने संपर्क किया जिससे मेरा कोई भी कनेक्शन बाकी नहीं नहीं था। मैं उसके बारे में भूल भी चुकी थी और स्थितियां अचानक से ऐसी बदली कि आउट ऑफ नोवेयर वह हमारे घर के पास आके रहने भी लगी । रातों-रात मेरी उनसे फिर से ऐसी ट्यूनिंग हो गई जैसे हम हमेशा से बेस्ट फ्रेंड्स थे । मुझे तो मानो उनके अलावा कोई दिखता ही नहीं था कुछ ही महीनों में मैंने उन्हें बहुत सारे गिफ्ट्स दिए अपने सारे सीक्रेट्स भी शेयर कर लिए । लेकिन यही सब केतु महाराज का कार्मिक सेटलमेंट कराने का तरीका है जल्दी ही मुझे पता चला कि मेरी वो सहेली पीठ पीछे चारों ओर मेरी बुराइयां कर रही थी, बदनामी कर रही थी, मेरा मजाक उड़ाती थी । जबकि मैं उसे मेरी बहन की तरह प्यार करती थी पर्सनल बातें शेयर करती थी । जिसका उसने नाजायज फायदा उठाया और यह एक हार्ट ब्रेक जैसा था । इस स्ट्रेस(stress) की वजह से मेरा काफी हेयर फॉल हुआ उसके दोगले पन और धोखे को याद करके मैं कई दिनों तक बहुत, तो सूर्य की अंतर्दशा में धोखा और सामाजिक बदनामी मिलने की संभावना बढ़ जाती है ।
इसीलिए किसी पर भी विश्वास करने से पहले दो दो बार सोचे, स्पेशली ऑफिस और work place पर बॉस के खिलाफ गॉसिप करने से बचे । और क्योंकि सूर्य पिता का कारक है इसीलिए पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें उनसे बदतमीजी और बहस करने से बचे और आदर पूर्वक व्यवहार करें इससे आपकी ही गृह स्थिति अनुकूल होगी। यह भी अपने आप में एक इफेक्टिव रेमेडी है उगते सूर्य को तांबे के लोटे में जल अर्पण करने से भी सूर्य को बल मिलता है ।
केतु महादशा – चंद्र अंतर्दशा / Ketu Mahadasha & Moon Antardasha
सूर्य के बाद आती है चंद्रमा की अंतर्दशा। केतु महाराज की एक विशेषता है कि उनकी महादशा आते ही, सबसे पहले उन ग्रहों की अंत दशाएं आती हैं जो केतु के विषण शत्रु हैं । जैसे शुक्र, सूर्य, चंद्रमा और मंगल इसीलिए महादशा के शुरू में ही जातक बदहाल हो जाता है। पैसा, नौकरी, मित्र ,जीवन साथी, परिवार, माता-पिता सभी की ओर से भारी परेशानियां आती हैं।
मित्र ग्रहों की अन्तर्दशाएं बाद में आती हैं तब तक जातक ने स्थितियों से समझौता कर लिया होता है। तो चंद्रमा हमारे मन का और माता का कारक है, और केतु का शत्रु भी है। इसकी अंतर्दशा में डिप्रेशन, नेगेटिव विचार, मूड स्विंग्स और आइसोलेशन यानी कि अकेलेपन में रुचि ये सभी आप अनुभव करेंगे। अगर सूर्य की अंतर्दशा में आपके पिता को कोई नुकसान पहुंचा हो या कई extreme केसेस में उनकी मृत्यु हुई हो, तो मन पर भारी असर पड़ता ही है कई लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं।
और जैसा कि मैंने बताया कि खराब सूर्य की अंतर्दशा में जो सामाजिक बदनामी या fall from grace आपने अनुभव किया होगा। उसके गहरे छुपे इफेक्ट अब चंद्रमा की अंतर्दशा में बाहर निकल के आते हैं ।
यहां तक आते-आते मैंने मेरा ब्यूटी और लाइफ स्टाइल चैनल लगभग दर किनार कर दिया था, क्योंकि मुझे अब उसे करने का मन ही नहीं करता था। केतु की महादशा का एक और सीक्रेट मैं आपको बताती हूं यदि आप अपने आप को कंपेयर करेंगे कि बुध की महादशा में आप कैसे दिखते थे और अब जब केतु की महादशा के दो ढाई साल बीत चुके हैं तो आप कैसे दिखते हैं तो आप अंतर देखकर चौक जाएंगे ।
सिर्फ थोड़े से ही समय में जो अंतर आया होगा वह unbelievable होगा। जो स्मार्ट,खूबसूरत,चार्मिंग, हसमुख और बातूनी लोग बुद्ध की महादशा में हुआ करते थे। मात्र दो-ढाई सालों में इतना बदल जाते हैं कि लगता ही नहीं कि यह वही व्यक्ति है। चेहरे का रंग फीका पड़ जाता है बाल या तो उलझे बिखरे रहते हैं या इतने झड़ जाते हैं कि एकदम से बुढ़ापा या गंजापन दिखने लगता है। स्मार्ट फिटनेस freek लोगों की कमर और कंधे झुक जाते हैं, या तो जातक बहुत बेडौल, मोटा हो जाएगा, या फिर सूखकर कांटा। कपड़े गंदे और मटमैले, बदबूदार, फटे ही पहनता है। मेकअप लगाने का मन नहीं करता या अगर आप लगा भी लेंगे तो उससे कुछ छुप नहीं पाएगा। चप्पल हमेशा गंदी और घिसी हुई रहेगी यह एक केतु ग्रसित व्यक्ति का परिचय है।
क्योंकि महादशा का स्वामी जो ग्रह होता है वह जातक को भी अपने जैसा ही बना लेता है। शुक्र की महादशा में अगर आप देखेंगे तो व्यक्ति महंगे ब्रांडेड कपड़ों ,ज्वेलरी, परफ्यूम्स और हैंड बैग से लदा रहता है। जूते तो ऐसे पहनता है कि मानो उसे अभी रेड कार्पेट पर वॉक करना हो, तो महादशा के स्वामी के इशारों पर आप नाचते हैं ।
केतु महादशा – मंगल अंतर्दशा / Ketu Mahadasha & Mars Antardasha
मंगल और केतु की युति भी भीषण होती है इसके साथ आने से अंगारक योग बनता है। मंगल आकस्मिक घटनाओं, एक्सीडेंट्स, चोट, झगड़ा मारपीट, आग वगैरह का कारक है। वहीं केतु मंगल से भी 100 गुना अधिक उग्र है।
मंगल की अंतर्दशा आते-आते मेरा सारा काम धंधा चौपट हो चुका था। लेकिन इस समय मुझे मन में अब तक की सबसे ज्यादा ऊर्जा महसूस हुई। मेरा जो समय बुरा चल रहा था मुझे कुछ करने का मन नहीं करता था । लेकिन जब मंगल की अंत दशा आई तो मेरा मन अपने आप थोड़ा संभलने लगा एक मनोबल सा बनने लगा, कि इस बुरे समय से मुझे कैसे भी करके बाहर निकलना है और कुछ करना है।
तो मैंने नया यूट्यूब चैनल @शंखनाद108 शुरु किया, इस पर कुछ वीडियो अपलोड किए। अपना पर्सनल रूटीन जो अब तक पूरा बर्बाद हो चुका था, उसे मैंने फिर से ठीक किया। जैसे समय पर उठना, अपने कपड़ों को अपने wardrobe को सलिखे से रखना, साफ कपड़े पहनना सुबह नियम से नहाना, बालों को रोज comb करना वगैरह।
हालांकि इस पॉइंट तक आते-आते मेरा इंटरेस्ट एकदम से एस्ट्रोलॉजी और धर्म की ओर हो गया मैंने ये investigate करना शुरू किया कि पिछले तीन सालों में मेरे साथ ये क्या होता आ रहा है। मेरी स्थिति इतनी बिगड़ क्यों गई है। मैंने कई किताबों को रिफर किया वीडियो देखे ब्लॉग्स पढ़े और कई हफ्तों की छानबीन के बाद मुझे पता चला कि मुझे कुंडली बनवाकर अध्ययन करवाना पड़ेगा।
कुंडली से क्लियर हो गया कि मेरी केतु महादशा चल रही है मुझे केतु के नाम के अलावा और कुछ भी इसके बारे में पता नहीं था। हालांकि रिसर्च करने के बाद धीरे-धीरे केतु महाराज के माया जाल के बारे में मुझे सब कुछ क्लियर होने लगा।
राहु की अंतर्दशा दशा आते-आते मैं एकदम अलर्ट हो गई थी क्योंकि अब तक जो मेरे साथ होता आ रहा था उसका कारण अब मेरे सामने आ चुका था। यहां मैं एक बात आपको और बताना चाहती हूं और वो यह कि केतु आपकी कुंडली के जिस भाव में बैठा होगा उसके कारकों को वो सबसे अधिक कष्ट देगा। जैसे कि केतु की प्लेसमेंट अगर आपके दूसरे भाव में है, दूसरा भाव अर्जित संपत्ति, धन, वाणी और परिवार का होता है । दूसरे भाव का केतु अपनी महादशा आने पर आपकी वाणी को कर्कश बना देगा, वाणी दूषित होने पर परिवार और मित्र आपसे स्वाभाविक रूप से दूर हो जाएंगे। आपकी मेहनत से बनाई गई संपत्ति और धन का यह नाश कर देता ।
केतु वहीं अगर पांचवें भाव में बैठा हो तो संतान और विद्या से संबंधित आपको अप्रत्याशित कष्ट देगा। इसकी महादशा में आपकी संतान या तो होगी नहीं, या अबॉर्शन, miscarriage, concieve नहीं कर पाएंगे। या अगर केतु की महादशा से पहले आपकी संतान ने जन्म लिया भी है तो इस महादशा में उसे भयानक कष्ट होगा। यह मैं खाना नंबर पांच, यानी कि केतु अगर पांचवें स्थान पर है उसकी कंडीशन में बता रही हूं।
विद्यार्थियों के लिए भी यह भाव कष्टकारी होता है क्योंकि एजुकेशन में बार-बार बेवजह रुकावट आती हैं । मेहनत के बाद भी failure मिलते हैं। आपकी कुंडली में किस भाव में केतु है इसका विचार आप किसी योग्य ज्योतिष से करवा सकते हैं ।
क्योंकि मेरी कुंडली में केतु का प्लेसमेंट पंचम भाव में है तो मुझे संतान पक्ष से बहुत ज्यादा कष्ट प्राप्त हुआ। मेरी बेटी गोल मटोल थी, इसके पहले उसने कभी कोई दवा, कोई सिरप टेस्ट तक नहीं किया था। मेरी नॉर्मल डिलीवरी हुई थी और जब वो हुई थी तो वो बहुत सुंदर और स्वस्थ थी। कभी बीमार नहीं पड़ती थी जब मेरी केतु की महादशा शुरू हुई तो मेरी बेटी उस समय 3 साल की थी और वो इतनी बीमार रही जब तक यह दशा चल रही है, मैं आज तक की आपको बात बता रही हूं कि वह हड्डियों का ढांचा बनकर रह गई। हर महीने हजारों रुपए दवा पर खर्च होते थे कितने ही हम डॉक्टर्स बदलते थे लगातार लेकिन जरा भी फायदा नहीं होता था। क्योंकि कोई भी डॉक्टर बीमारी पकड़ ही नहीं पाता था। राहु की अंतर्दशा में तो वह हॉस्पिटल तक में एडमिट रही हमें दूसरा बच्चा कंसीव करने में बहुत ज्यादा परेशानी फेस करनी पड़ी। कई फर्टिलिटी एक्सपर्ट से कंसल्ट किया पर कोई फायदा नहीं हुआ। मेरे और मेरे हस्बैंड के सारे रिपोर्ट्स नॉर्मल है डॉक्टर भी समझ नहीं पाते कि प्रॉब्लम क्या है। खैर अभी तक मेरा संतान प्राप्ति का प्रयास जारी है और इसके लिए मैं कुछ उपाय भी कर रही हूं।
केतु महादशा – राहु अंतर्दशा / Ketu Mahadasha & Rahu Antardasha
केतु महादशा में जब राहु की अंतर्दशा आती है तो लोग भ्रम के शिकार होते हैं क्योंकि राहु भ्रम की कंडीशंस खड़ा करता है। राहु माया है, राहु वहम है, इसीलिए राहु का सिंबल धुआ भी है। राहु बुद्धि भ्रष्ट करता है इसीलिए लोग राहु की अंतर्दशा में नए बिजनेस प्लान करते हैं, नए घर का, नई गाड़ी, फॉरेन ट्रेवल का प्लान बनाते हैं। पैसा तो केतु की महादशा में होता नहीं है, तो उधार मांगते हैं, लोन लेते हैं। लेकिन सावधान हो जाइए राहु नशा है ऑब्सेशन है एक बार यह जब धुआ छट जाएगा और जब यह नशा उतर जाएगा तो सच्चाई आपके सामने आ जाएगी।
इसीलिए केतु की महादशा में शुरू किया गया बिजनेस, या अगर आपने शादी की है, इस दशा की खत्म होते होते अक्सर वो भी खत्म हो जाते हैं। इसीलिए इस दौरान शादी करने या नया बिजनेस शुरू करने से पहले अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी योग्य ज्योतिष से अवश्य करवा लीजिए। बड़ा लोन लेने से तो आपको हर हाल में बचना चाहिए क्योंकि ऐसा लिखा गया है कि इस समय लिया गया लोन वीनस की महादशा तक खींच जाता है। इसी तरह किसी को बड़ी रकम उधार देने से भी बचना चाहिए क्योंकि इस दशा में दिया गया पैसा वापस नहीं आता।
यदि आप एक स्टूडेंट हैं और राहु की अंतर्दशा आप फेस कर रहे हैं, तो राहु के प्रभाव में ऐसे विचार आपके मन में आएंगे कि यह विषय तो मुझे करना ही नहीं है, मैं तो इसे कर ही नहीं पा रहा हूं। कई बार ऐसे होता है कि लोग अपनी डिग्री या रिसर्च के फाइनल ईयर तक पहुंच जाते हैं और राहु से प्रभावित होकर अंत में कहते हैं कि मुझे यह नहीं करना। मुझे इसे छोड़कर कुछ और करना है।
तो राहु माया जाल है एक मृग तृष्णा है, जो आपके दिमाग में वहम पैदा करता है। आपके हाथ में जो चीज है उसे छुड़वाने की कोशिश करता है। और जब अपने हाथ की चीज को छोड़कर आप यहां वहां भागेंगे और कुछ देर के बाद जब आपकी आंखें खुलेगी तो आपके हाथ में कुछ नहीं बचेगा।
साढ़े तीन साल बीतने के बाद मेरी केतु महादशा लगभग आधी बीत चुकी है। अभी तक के सफर ने मुझे हिला कर रख दिया है। मैं वो इंसान ही नहीं जो मैं पहले थी।
पैसे, मैटेरियलिज्म और लग्जरीज के पीछे भागने वाली। स्वयं को सबसे बेहतर और दूसरों को कम आंकने वाली। केतु सबसे पहले आपका घमंड तोड़ देता है जिन अचीवमेंट्स पर, जिस पैसे पर या जिस स्मार्टनेस पर आपको बहुत गर्व हो उसे वह छीन लेता है। तब आपको पता चलता है कि आप उस सड़क पर झाड़ू लगाने वाले या कचरा उठाने वाले इंसान के जैसे ही एक इंसान है वह बेचारा कितनी मेहनत करता है और आप तो उसकी एक परसेंट भी मेहनत नहीं करते।
जब आपका पैसा, डिग्री, नौकरी, परिवार, खूबसूरती जिसके दम पर आप इतना इतराते थे। यदि वह छीन ली जाए तो क्या होगा? आप भी हाथों में कटोरा लेकर मंदिर के बाहर खड़े रह सकते हैं। इस एक्सट्रीम लेवल की karmic cleansing केतु की महादशा में आपकी होती है।
दुखी और परेशान होने के बाद भी मुझे संतोष है कि मेरा सामना इस सच से हुआ। भगवान से जो मेरा डीप कनेक्शन इस दशा में बना वह आज तक मैंने कभी सोचा भी नहीं था। अभी केतु के मित्र ग्रहों जैसे कि बृहस्पति, शनि और बुध की अन्तर्दशाएं आना बाकी है। जिसका अनुभव में आने वाले समय में जरूर शेयर करूंगी।
खैर ब्लॉग पोस्ट इतना लंबा हो गया है कि अभी इस महादशा से संबंधित बहुत से अनुभव बाकी हैं। जिन्हें मैं शेयर करना चाहती हूं लेकिन मुझे इसे दूसरे पार्ट में ही करना पड़ेगा।
यदि आप भी केतु महादशा के कष्ट से गुजर रहे हैं तो अपने एक्सपीरियंस मुझे कमेंट्स में जरूर बताइएगा। हम सब इस कठिन परिस्थिति में एक दूसरे का हाथ पकड़ कर ही आगे बढ़ सकते हैं।
तो अगर आपकी केतु की महादशा चल रही है तो जो भी उपाय आप कर रहे हैं। या जो भी अनुभव आपके हैं प्लीज प्लीज उसे शेयर कीजिए ताकि बाकी लोग पढ़े और उन्हें भी कुछ सम्बल मिले।
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